UP पुलिस भर्ती: उम्मीदवार को बताया अनफिट, प्राइवेट डॉक्टर ने बताया फिट, अब अदालत का फैसला
इलाहबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 के एक मामले में अपना फैसला दिया है. कांस्टेबल भर्ती के अभ्यार्थी ने मेडिकल रिपोर्ट को लेकर याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड से अलग मेडिकल बोर्ड गठित कर मेडिकल कराने की मांग नामंजूर कर दी है.
अदालत ने कहा है कि वैधानिक प्रक्रिया के तहत गठित मेडिकल बोर्ड एक विशेषज्ञ संस्था है. उसके निर्णयों को महत्व दिया जाना चाहिए और जब तक उस मेडिकल बोर्ड के निष्कर्ष में लापरवाही या खामी न हो, अदालत उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.
हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट के पास अनुच्छेद 226 में पर्याप्त अधिकार हैं लेकिन मेडिकल बोर्ड के मामले में आदेश करते समय अदालतों को बेहद सचेत रहने की जरूरत है. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति डॉ योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कांस्टेबल भर्ती के अभ्यर्थी मनेश कुमार की अपील ख़ारिज करते हुआ दिया.
मनीष कुमार को पुलिस भर्ती बोर्ड से गठित मेडिकल बोर्ड ने अनफिट बताया था. अपीलेट मेडिकल बोर्ड ने भी बोर्ड के निष्कर्ष को सही बताया. जबकि प्राइवेट डॉक्टर की रिपोर्ट कहती है कि अभ्यार्थी पूरी तरह फिट है. इस मामले में पहले एकल पीठ से याचिका ख़ारिज हो चुकी थी जिसके बाद विशेष अपील दाखिल की गयी थी.
खंडपीठ ने कहा है कि याची मेडिकल बोर्ड के निष्कर्ष में अनियमितता बता नहीं पाया. जबकि प्राइवेट डॉक्टर की रिपोर्ट इस प्रकार से स्पष्ट नहीं है जो तय करती हो कि याची को कोई बीमारी थी या नहीं है.
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